Russian Vs Ukraine War रूस यूक्रेन के छोटे-मोटे विवाद आज बन गई बड़ी जंग जानें पूरी कहानी क्या है
Russian vs Ukraine war रूस यूक्रेन के छोटे-मोटे विवाद आज बन गई बड़ी जंग जानें पूरी कहानी रूस और यूक्रेन की जंग में NATO का अहम रोल है NATO यानी कि North Atlantic Treaty Organization,और NATO की स्थापना 1949 में हुई थी और उस टाइम NATO मे 12 सदस्य देश थे। अमेरिका ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, इटली, नीदरलैंड,आइसलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नॉर्वे, पुर्तगाल और डेनमार्क यूक्रेन उसी समय से NATO को ज्वाइन करना चाहता था क्योंकि यूक्रेन एक बड़ा देश होने के साथ ही उनके पास उनकी सिक्योरिटी सिस्टम के लिए उनके पास कोई आधुनिक हथियार और विमान साथ ही सनिकों की भी काफी कमी थी और यूक्रेन को लगता था की रूस उन पर कभी भी हमला कर सकता है और यूक्रेन पर अपना राज कर सकता है NATO मे शामिल होने के बाद 12 देशों की मदद से अपने सिक्योरिटी सिस्टम को लेकर के आधुनिक हतियारो और विमानों के साथ तथा सनिकों की मदद से मजबूत देसो का हिस्सा बनना चाहता था
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NATO को ज्वाइन करने के बाद यूक्रेन बाकी देशों के साथ चलने वाला था ताकि आने वाले समय में NATO में शामिल देश उसकी आर्थिक स्थिति से लेकर के उसके सिक्योरिटी सिस्टम तक को सपोर्ट करें और यह रूस कभी नहीं चाहता था क्योंकि रसिया पूरी तरीके से आने वाले समय में यूक्रेन पर अपना कब्जा चाहता था
2022 में Russian Vs Ukraine दुनिया का तीसरा वर्ल्ड वॉर यानी कि तीसरा विश्वयुद्ध भी बन सकता है जिस तरीके से रसिया यूक्रेन पर लगातार हमले करता जा रहा है उस तरीके से बाकी के देश यूक्रेन की सपोर्ट में आएंगे वहीं पर रूस के सपोर्ट में कोई न कोई देश तो आगे आएगा ही इस तरीके से आपस में देशों का लड़ना वर्ल्ड वर 3 की स्थिति बना सकता है
यूक्रेन का सपोर्ट करते हुए अमेरिका ने रसिया को चेतावनी दी कि अगर गलती से भी यूक्रेन पर कोई हमला होता है तो आने वाले समय में रसिया के लिए यह अच्छे दिन नहीं होंगे इस तरह के चेतावनी देने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden पूरी तरीके से यूक्रेन का सपोर्ट करते हैं जिससे यूक्रेन को यह लगता है कि आने वाले समय में अमेरिका उनका साथ देगा अगर वर्ल्ड वर 3 की कोई भी स्थिति बनती है तो यूक्रेन के सपोर्ट में अमेरिका के साथ और भी दे जैसे कि ब्रिटेन और NATO में आने वाले और भी राज्य यूक्रेन का समर्थन करते हुए रसिया को धमकी देते हैं
यूक्रेन की सीमा पर पश्चिम यूरोप और पूर्वी रूस से जुड़ी है 1991 तक यूक्रेन पूर्वी तट से लेकर के सोवियत संघ का हिस्सा था अलग होने के बाद भी यूक्रेन रूस के प्रभाव काफी हद तक दिखाई दे रहे थे यूक्रेन की सरकार रूस शासन का आदेश पर ही काम करती थी लेकिन बिगड़ती अर्थव्यवस्था से बढ़ती महंगाई और अल्पसंख्यक लोगों को रूस से दिक्कत होने लगी थी उसके बाद 2021 में यूक्रेन ने अमेरिका से अपने आप को NATO में ज्वाइन करने के लिए कपिल डाली थी और यह बात रसिया कभी नहीं चाहता था उसको पता था कि NATO ज्वाइन करने के बाद यूक्रेन के समर्थन में काफी और बड़े देश आ जाएंगे जिसके बाद यूक्रेन पर अपना शासन करना और अपना राज करना काफी मुश्किल हो सकता है धीरे-धीरे जब रसिया की बात मानता यूक्रेन और उनके नियमों पर चलता है यूक्रेन अपनी आर्थिक स्थिति से नीचे आ चुका था वहीं पर रसिया के राष्ट्रपति Vladimir Putin साल के 2021 के अंत में अपनी पूरी सेना यूक्रेन के बॉर्डर पर खड़ी कर दी थी
साथ ही ड्रोन से नजर रखने के बाद 14 जनवरी 2022 में यूक्रेन पर साइबर हमले की चेतावनी भी दी रसिया ने उसके बाद 17 जनवरी 2022 में रूस की सेना को बैलरूस पहुंचना शुरू किया 24 फरवरी 2022 में NATO की सेना स्टैंडबाई पर रखा उसके बाद 2 फरवरी 2022 में यूएस ने अपने तीन हजार अध्यक्ष सैनी को पोलैंड रोमानिया भेजेगा इस तरीके का स्टेटमेंट देने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden ने कहा था 4 फरवरी को Vladimir Putin को china की तरफ से समर्थन मिलने का मिलने के बाद इस तरीके से Vladimir Putin ने यूक्रेन पर हमला करने की सोची और यूक्रेन अभी तक NATO का हिस्सा नहीं था उसके बाद 9 फरवरी 2022 में अमेरिका की तरफ से एक संदेश आया संदेश में यह था कि यूक्रेन पर रूस कभी भी हमला कर सकता है
तो यह थी अब तक की पूरी जानकारी बाकी की जानकारी आप लोगों को टाइम – टाइम पर मिल थी रहेगी
और वहीं पर अमेरिका ने अपने अमेरिकी लोगों को देश छोड़ने की बात कहीउसकी कुछ दिनों बाद 15 फरवरी 2022 में रूस ने कहा उसकी कुछ सेना वापस लौट रही हैओके कुछ दिनों बाद 19 फरवरी 2022 में रूस ने कहा कि हम अपने परमाणु हथियारों का अभ्यास करने के लिए सीमा पर कुछ हथियारों को ट्राई करेंगे इस तरीके से यूक्रेन ने उनको एक मान्यता प्राप्त दीउसके बाद 24 फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर सोने ऑपरेशन का अलार्म शुरू कर दिया और जंग शुरू हो गई जग में हर तरीके के वेपंस गोलीबारी और मिसाइलों की बौछार लगातार यूक्रेन पर हो रही थी तो इस तरीके से यह जंग शुरू हुई और इस जन से आने वाले समय में और भी देश शामिल होने के बाद यह एक बड़ी जंग साबित हो सकती है आने वाले कुछ दिनों में इस जंग में होने वाले शामिल देश और रोने वाली वार से यह वर्ल्ड वर 3 भी बन सकती है मगर क्या होगा आगे क्या यूक्रेन के सपोर्ट में कोई और राज्य कोई और देश आएगा क्या कोई बड़ा प्रेसिडेंट जो गार्डन या फिर भारत यह ब्रिटेन के राष्ट्रपति मिलकर के और भी अन्य राष्ट्रपति के साथ ही इस जंग में साथ देंगे आने वाला समय ही बताएगा इस पोस्ट में बस एक छोटी सी यह उम्मीद थी कि आपको इस जंग के बारे में पूरी जानकारी दी जाए