हार्दिक पांड्या की गरीब भेजती मुंबई की सड़कों पर लगाए रोहित शर्मा के नारे
हवाओं में एक अलग ही सनसनाहट घुल रही है, क्रिकेट के मैदान पर जोश की लहरें उठ रही हैं, और हर किसी की जुबान पर बस एक ही नाम – ‘मुंबई का राजा, रोहित शर्मा!’ आजकल ये नारा क्रिकेट के गलियारों से लेकर आम लोगों की जुबान तक छाया हुआ है. लेकिन ये सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि ये रोहित शर्मा के प्रति भारत के अथाह प्यार का प्रतीक है.

वो ‘हिटमैन’ जिसने अपनी चमचमाती बल्लेबाजी से करोड़ों दिलों को जीत लिया है. जिसने क्रिकेट को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि सपनों का रंगमंच बना दिया है. रोहित एक खिलाड़ी से बढ़कर, भारत का एक भाव बन चुके हैं. उनके हर छक्के में जोश छलकता है, हर चौके में उम्मीद झिलमिलाती है, और हर जीत में देश का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है.
रोहित शर्मा के नारे
मुंबई की गलियों में पले-बढ़े रोहित आज क्रिकेट जगत का एक चमकता सितारा हैं. लेकिन उनकी चमक सिर्फ रनों या रिकॉर्ड से नहीं टकराती. वो उस जुनून से टकराती है, जिसके साथ वो हर गेंद का सामना करते हैं. वो उस खेल भावना से टकराती है, जिसके साथ वो अपनी टीम को साथ लेकर चलते हैं. वो उस इंसानियत से टकराती है, जिसके साथ वो हार जीत को समान भाव से स्वीकार करते हैं.
रोहित सिर्फ एक कप्तान नहीं है, बल्कि एक प्रेरणा है. एक नन्हे शहर के लड़के की कहानी है, जिसने पूरी दुनिया को अपना मुरीद बना लिया है. वो उन लाखों बच्चों के लिए मिसाल हैं, जो हर गली में, हर मैदान पर अपने सपनों को पंख लगाने की कोशिश कर रहे हैं. वो सिखाते हैं कि मेहनत से, लगन से, और दृढ़ संकल्प से कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है.
लेकिन रोहित का असली जादू मैदान के बाहर देखने को मिलता है. जिस तरह से वो हर मुश्किल का सामना हंसते हुए करते हैं, जिस तरह से वो टीम के सबसे कमजोर खिलाड़ी को भी सहारा देते हैं, जिस तरह से वो हर फैन से जुड़ने की कोशिश करते हैं, ये सब उन्हें सिर्फ एक खिलाड़ी से ऊपर उठाकर एक इंसान बना देता है. वो हमें याद दिलाते हैं कि जीत-हार के मैदान से परे भी जिंदगी है, और ज़िंदगी हारने-जीतने से नहीं, जीने के तरीके से जीती जाती है.
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तो इसलिए आज जब हजारों की भीड़ ‘मुंबई का राजा, रोहित शर्मा’ चिल्ला रही है, तो वो सिर्फ एक खिलाड़ी का नाम नहीं ले रही, बल्कि वो उस जज्बे का जयकार कर रही है, जिसने हमें उम्मीद, हौसला और जीत का स्वाद दिया है. वो सपनों का सलाम कर रही है, जो रोहित ने अपनी मेहनत से हरे मैदान पर ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में सजा दिए हैं. वो रोहित को सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि अपने दिल का, अपने भारत का एक टुकड़ा मान रही है. और यही असली जीत है, यही सच्चा राजा होता है!